आप सुबह-सुबह अलार्म की आवाज से उठते हैं। ट्रैफिक की चें-चें के बीच स्कूल, कॉलेज या ऑफिस जाते हैं। वापस आते हैं और खाना खाते हैं। फिर अपनों के साथ कुछ वक़्त बिताते हैं। थोड़ा मोबाइल चलाते हैं और सो जाते हैं। रिपीट मोड पर आपकी जिंदगी ऐसी ही चलती रहती है। संडे कुछ अलग होता है मगर वो भी कब आया-गया हो जाता है, पता ही नहीं चलता।
अगर आप कभी इस रोबोट वाली जिंदगी को ब्रेक देना चाहें तो एक बार राजस्थान होकर आइएगा। यहाँ आपको इंडिया नहीं बल्कि हिंदुस्तान देखने को मिलेगा। वही भारत जिसका जिक्र हमारी दादी-नानी की कहानियाें में होता था। वहां का खाना हो या गाना, रहन-सहन हो या नजारें, सबकुछ हमें सुनने को मिलता था।
सरल शब्दों में बात की जाए तो वहां की हर इमारत अपने आप में एक कहानी समेटे हुए है। आप देर मत कीजिए। यह स्टोरी पढ़िए। इसके बाद आपको भी अंदाजा हो जाएगा कि आखिर हम ऐसा क्यों कह रहे हैं।
'गुलाबी शहर' के नाम से मशहूर जयपुर, राजस्थान का सबसे बड़ा शहर और राजधानी है। 1728 में आमेर के महाराजा जयसिंह द्वितीय द्वारा बसाए गए इस शहर में घूमने के लिए आमेर का किला, बिरला मंदिर, जंतर-मंतर, हवा महल, जल महल और जयगढ़ किला जैसी कई शानदार जगहें हैं।
जिस तरह जयपुर को गुलाबी शहर कहा जाता है। उसी तरह जोधपुर को 'नीला शहर' कहा जाता है। यहाँ मेहरानगढ़ के किले से देखने पर पूरा शहर नीला नजर आता है। मेहरानगढ़ के किले के अलावा यहाँ उम्मेद भवन पैलेस, जसवंत थडा, घंटा घर, कल्याण सागर झील जैसी कई देखने लायक जगहें हैं।
संजय लीला भंसाली की 'पद्मावती' को लेकर जो विवाद छिड़ा हुआ है वो हम सभी की आँखों के सामने है। अगर आप पद्मावती के शौर्य को महसूस करना चाहते हैं तो उनके शहर चित्तौड़गढ़ की तरफ रुख कर सकते हैं। यहाँ रानी पद्मिनी महल, चित्तौड़गढ़ का किला, विजय स्तंभ और राणा कुम्भा का महल जैसी जगहें हैं। इसके अलावा यहाँ सबसे बड़ा राजपूत मेला 'जौहर मेला' का भी आयोजन किया जाता है। यहाँ का कालिका माता मंदिर भी देखने लायक है जो 8वीं शताब्दी में सूर्य मंदिर हुआ करता था। बाद में 14वीं शताब्दी में इसे मां काली के मंदिर में बदल दिया गया।
राजस्थान के चौथे सबसे बड़े शहर बीकानेर की खूबसूरती भी देखते ही बनती है। यहाँ जूनागढ़ का किला, बीकानेर ऊंट सफारी, लालगढ़ महल, गजनेर पैलेस, गंगा सिंह म्यूजियम और जैन मंदिर जैसी कई खूबसूरत जगहें हैं।
अरावली की पहाड़ियों से घिरा अजमेर ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह के लिए जाना जाता है। यह शहर 7वीं शताब्दी में चौहान राजा अजयराज सिंह द्वारा बसाया गया था। दरगाह के अलावा आप यहां सोनी जी की नसियां (दिगंबर जैन मंदिर), 14वीं शताब्दी में बना पुष्कर में ब्रम्हा जी का मंदिर, नागौर मेला, पुष्कर मेला और फरवरी में आयोजित होने वाले ब्लू लोटस फेस्टिवल का लुत्फ़ उठा सकते हैं।
1178 ईसवी में यदुवंशी भाटी के वंशज रावल जैसल द्वारा इस शहर की स्थापना की गई थी। उन्हीं के नाम पर इस शहर का नाम जैसलमेर रखा गया। इस शहर में खास तरह के पत्थर पाए जाते हैं जो धूप में सोने की तरह चमकते हैं जिनकी वजह से इसे 'गोल्डन सिटी' भी कहा जाता है। यहाँ सोनार का किला, कुलधारा के साथ-साथ आप कैम्पिंग, ऊंट सफारी और हर साल जनवरी में होने वाले डेजर्ट फेस्टिवल का लुत्फ उठा सकते हैं।
उदयपुर मेवाड़ राज्य की ऐतिहासिक राजधानी कही जाती है। यहां फतेह सागर झील, उदयपुर का सिटी पैलेस, बगोर की हवेली, एकलिंग जी मंदिर और श्रीनाथ मंदिर जैसी शानदार जगहें हैं।
माउन्ट आबू रेगिस्तान से दूर आरावली की पहाड़ियों पर बसा हिल स्टेशन है। यहां नक्की झील, दिलवाड़ा जैन मंदिर, 14वीं शताब्दी में राणा कुम्भा द्वारा बनवाया गया अचलगढ़ किला देखने लायक जगहें हैं।
शिला महादेव मंदिर इस शहर का मुख्य आकर्षण है। यहाँ छोटे पत्थरों पर बड़े पत्थरों के टिके होने का दुर्लभ नजारा देखने को मिलता है। इस मंदिर के अलावा यहां 32 खंभों की छतरी और श्री बीड के बालाजी जैसी खूबसूरत जगहें हैं।
भानगढ़ के भूतिया किले के किस्से तो आपने सुने ही होंगे। भानगढ़ का वो किला अलवर में ही है। यहाँ आप दुनिया का सबसे पुराना इंजन 'फैरी क्वीन' और बाला किला (अलवर किला) भी घूम सकते हैं।
तो अपनी बिजी लाइफ से थोड़ा वक्त निकालिये और हिन्दुस्तान देखकर आइये। हमें शुक्रिया बाद में दीजियेगा।
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